आयुर्वेद के अनुसार, तुलसी के नियमित सेवन से व्यक्ति के विचार में पवित्रता, मन में एकाग्रता आती है
तुलसी को संस्कृत में हरिप्रिया कहा गया है अर्थात जो हरि यानी भगवान विष्णु को प्रिय है
त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) निवास करते हैं
तुलसी का एक पत्ता भी अर्पित कर दिया जाये तो पूजा का सम्पूर्ण फल प्राप्त हो जाता है.
इस पौधे के हर हिस्से में अमृत समान गुण हैं
तुलसी का एक नाम वृंदा है
तुलसी की शुद्धता सर्वोपरि है. इससे व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होता है
जिस मृत शरीर का दहन तुलसी की लकड़ी की अग्नि से क्रिया जाता है, वे मोक्ष को प्राप्त होते हैं
औषधीय गुणों की दृष्टि से यह संजीवनी बूटी के समान है
केवल तुलसी का एक पत्ता भी अर्पित कर दिया जाये तो पूजा का सम्पूर्ण फल प्राप्त हो जाता है